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P1639 आओ मेरे लाल



आओ मेरे लाल तुम भी आओ।
जो भी अंदर है, वह तुम खाओ। 

मैं कुछ नहीं कहूंगा। 
अब कहने को बचा ही क्या है?
यह दुनिया तो कूड़े का ढेर बन गया है। 
तुम जाओगे तो कहां जाओगे! 

सपने तो सब कीरे खा ही गए हैं। 
हकीकत में अब बचा ही क्या है? 

खाओ मुझे पूरा खोखला बना दो। 
फिर खोल भी खा जाना! 

आओ मेरे लाल।

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